रायपुर, 10 नवम्बर। Biofuel Expo : राजधानी रायपुर स्थित श्रीराम बिजनेस पार्क में छत्तीसगढ़ बायोफ्यूल विकास प्राधिकरण (CBDA) द्वारा आयोजित “बायोफ्यूल एवं बायो एनर्जी एक्सपो 2025” का समापन शुक्रवार को हुआ। 7 से 9 नवम्बर तक चले इस एक्सपो के दौरान आयोजित सेमिनार में “छत्तीसगढ़ बायोफ्यूल रोडमैप विजन 2024–29” पर विस्तृत चर्चा की गई।
सीबीडीए के मुख्य कार्यपालन अधिकारी सुमित सरकार ने बताया कि मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में राज्य सरकार छत्तीसगढ़ को जैव ईंधन उत्पादन के क्षेत्र में देश का अग्रणी राज्य बनाने की दिशा में तेजी से कार्य कर रही है। उन्होंने बताया कि निजी क्षेत्र की कंपनियों द्वारा लगभग ₹3,500 करोड़ का निवेश किया जा रहा है, जिससे रोजगार के साथ ऊर्जा आत्मनिर्भरता को भी बल मिलेगा।
राज्य में बनेंगे 8 बायो-गैस संयंत्र
सीईओ ने बताया कि गेल और बीपीसीएल जैसी अग्रणी कंपनियों ने विभिन्न नगरीय निकाय क्षेत्रों में 8 एमएसडब्ल्यू/बायोमास आधारित कम्प्रेस्ड बायोगैस (CBG) संयंत्रों की स्थापना की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी है। इसके अलावा ओएनजीसी ग्रीन और एचपीसीएल ग्रीन भी राज्य में नए सीबीजी उत्पादन संयंत्र स्थापित करने के लिए स्थल सर्वेक्षण कर रही हैं।
कृषि अवशेषों से बनेगा इथेनॉल और बायोगैस
छत्तीसगढ़ में धान, मक्का और चना के अवशेषों का उपयोग करके बायोएथेनॉल और कम्प्रेस्ड बायोगैस उत्पादन की दिशा में परीक्षण चल रहे हैं। कृषि अपशिष्टों से एंजाइम उत्पादन और माइक्रोबियल स्ट्रेन डेवलपमेंट के प्रयोग भी किए जा रहे हैं।
सुमित सरकार ने बताया कि सीबीडीए अब बायोमास आधारित हाइड्रोजन उत्पादन की दिशा में कार्य कर रहा है, जिसका उपयोग सस्टेनेबल एविएशन फ्यूल (SAF) तैयार करने में किया जाएगा।
नई संभावनाएं और प्रयोग
राज्य में अधिशेष चावल को प्राथमिक फीडस्टॉक के रूप में उपयोग करते हुए बायोएथेनॉल उत्पादन के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) विकसित की जा चुकी है। साथ ही, राष्ट्रीय शर्करा संस्थान (कानपुर) के सहयोग से दुर्ग जिले के ग्राम गोढ़ी स्थित बायोफ्यूल कॉम्प्लेक्स में चुकंदर की खेती पर परीक्षण किया जा रहा है, ताकि इथेनॉल उत्पादन की नई संभावनाओं का आकलन किया जा सके।
सेमिनार में विशेषज्ञों की भागीदारी
- गेल के सीजीएम मोहम्मद नजीब कुरैशी और डीजीएम जितेन्द्र पांडेय ने सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क की जानकारी दी।
- बीपीसीएल के डीजीएम संजय ठाकुर ने राज्य में कम्प्रेस्ड बायोगैस की संभावनाओं पर प्रकाश डाला।
- रिलायंस इंडस्ट्रीज के डीजीएम सुशील वर्मा ने धान से बायोगैस उत्पादन के विषय में प्रस्तुतीकरण दिया।
- डॉ. वनिता प्रसाद (फाउंडर डायरेक्टर, REVY एनवायरमेंटल सॉल्यूशंस प्रा.लि.) ने बायोगैस प्लांट संचालन पर चर्चा की।
- राजेश दाते (डायरेक्टर, ATRIM इनोवेशन प्रा.लि., पुणे) ने एनेरोबिक कंपोस्टिंग सिस्टम पर जानकारी दी।
- सुकांत कुमार मेहेर (एमडी, इंग्रोटेक एक्वा इंजीनियर्स, संबलपुर) ने एसटीपी प्लांट से बायोगैस उत्पादन की संभावनाएं बताईं।
- जितेन्द्र नारायण (सीईओ, AEC एग्रीटेक प्रा.लि.) ने CBG पॉलिसी, प्रोक्योरमेंट और प्राइसिंग मॉडल पर विचार साझा किए।
छत्तीसगढ़ बायोफ्यूल विकास प्राधिकरण के इस आयोजन ने हरित ऊर्जा की दिशा में राज्य की मजबूत पहल को रेखांकित किया है, जो पर्यावरण संरक्षण और आर्थिक विकास दोनों के लिए मील का पत्थर साबित होगी।


