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Tuesday, October 14, 2025

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Radha Ashtami 2025: राधारानी के जन्मोत्सव पर बरसेगी श्रद्धा, जानें तिथि, महत्व और पूजा विधि

Radha Ashtami 2025: भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को राधा अष्टमी मनाई जाती है। इस दिन श्रीकृष्ण की आराध्या और प्रेम स्वरूपा राधारानी का प्राकट्य हुआ था। धार्मिक मान्यता है कि श्रीकृष्ण के बिना राधा और राधा के बिना कृष्ण अधूरे हैं, इसलिए राधा अष्टमी का पर्व भक्तों के लिए अत्यंत विशेष माना जाता है।
Radha Ashtami 2025: राधारानी के जन्मोत्सव पर बरसेगी श्रद्धा, जानें तिथि, महत्व और पूजा विधि
Radha Ashtami 2025: राधारानी के जन्मोत्सव पर बरसेगी श्रद्धा, जानें तिथि, महत्व और पूजा विधि
राधा अष्टमी के दिन वृंदावन, बरसाना, मथुरा और समस्त ब्रज क्षेत्र में विशेष उत्सव का आयोजन होता है। भक्त श्रद्धा और भक्ति के साथ राधा-कृष्ण की पूजा कर आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।

राधा अष्टमी की पौराणिक कथा

Radha Ashtami 2025: पौराणिक मान्यता के अनुसार, राधा रानी का जन्म बरसाना में हुआ था। उनका जन्म किसी सामान्य बालिका की तरह नहीं, बल्कि दिव्य स्वरूप में हुआ। राधारानी को प्रेम, भक्ति और करुणा की अधिष्ठात्री देवी माना जाता है। भगवान श्रीकृष्ण के साथ उनका अलौकिक प्रेम संबंध भक्ति और समर्पण का प्रतीक है।
Radha Ashtami 2025: राधारानी के जन्मोत्सव पर बरसेगी श्रद्धा, जानें तिथि, महत्व और पूजा विधि
Radha Ashtami 2025: राधारानी के जन्मोत्सव पर बरसेगी श्रद्धा, जानें तिथि, महत्व और पूजा विधि
कहा जाता है कि जब श्रीकृष्ण ने गोकुल और वृंदावन में अपनी बाल लीलाएं रचाईं, तब राधा रानी सदैव उनके साथ रहीं। इसीलिए राधा और कृष्ण की आराधना साथ-साथ की जाती है। भक्त मानते हैं कि कृष्ण की कृपा पाने के लिए पहले राधा की कृपा प्राप्त करनी होती है।

राधा अष्टमी का महत्व

Radha Ashtami 2025: राधा अष्टमी का दिन विशेष रूप से उन भक्तों के लिए शुभ माना जाता है, जो भक्ति और प्रेम के मार्ग पर चलना चाहते हैं। धार्मिक मान्यता है कि इस दिन विधिपूर्वक राधा-कृष्ण की पूजा करने से जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आती है। साथ ही पाप कर्मों का नाश होता है और भक्त को वैकुंठ लोक की प्राप्ति होती है।
Radha Ashtami 2025: राधारानी के जन्मोत्सव पर बरसेगी श्रद्धा, जानें तिथि, महत्व और पूजा विधि
Radha Ashtami 2025: राधारानी के जन्मोत्सव पर बरसेगी श्रद्धा, जानें तिथि, महत्व और पूजा विधि
वृंदावन और बरसाना में इस दिन भव्य मेले और झांकियों का आयोजन होता है। मंदिरों को फूलों और रोशनी से सजाया जाता है और भक्त संकीर्तन, रासलीला और भजन-कीर्तन में भाग लेते हैं।

पूजा विधि

Radha Ashtami 2025: राधा अष्टमी पर प्रातः स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें। इसके बाद राधा-कृष्ण की मूर्ति अथवा चित्र को गंगाजल से स्नान कराएं और पीले या लाल वस्त्र अर्पित करें। रोली, चंदन, पुष्प, धूप, दीप, मिष्ठान और फल से पूजन करें।
  • राधा जी को विशेष रूप से माखन-मिश्री और गुलाब के फूल अर्पित किए जाते हैं।
  • इस दिन राधा मंत्र अथवा राधा-कृष्ण मंत्र का जाप करना अत्यंत फलदायी माना जाता है।
  • भक्त उपवास रखते हैं और दिनभर भजन-कीर्तन कर संध्या समय आरती करते हैं।
Radha Ashtami 2025: राधारानी के जन्मोत्सव पर बरसेगी श्रद्धा, जानें तिथि, महत्व और पूजा विधि
Radha Ashtami 2025: राधारानी के जन्मोत्सव पर बरसेगी श्रद्धा, जानें तिथि, महत्व और पूजा विधि

ज्योतिषीय दृष्टि से लाभ

Radha Ashtami 2025: धार्मिक आस्था के साथ-साथ ज्योतिष शास्त्र में भी राधा अष्टमी का विशेष महत्व बताया गया है। मान्यता है कि इस दिन व्रत रखने और पूजा करने से वैवाहिक जीवन में प्रेम और मधुरता बनी रहती है। साथ ही अविवाहित जातकों को उत्तम जीवनसाथी की प्राप्ति होती है।

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देशभर में उत्सव का माहौल

Radha Ashtami 2025: उत्तर भारत ही नहीं बल्कि देशभर के वैष्णव मंदिरों में राधा अष्टमी का पर्व श्रद्धा से मनाया जाता है। वृंदावन और बरसाना में तो इस दिन का उत्सव होली और जन्माष्टमी की तरह ही भव्य होता है। राधा रानी मंदिरों में विशेष सजावट और पुष्प वर्षा की जाती है। भक्तजन “राधे-राधे” की गूंज के साथ मंदिरों में उमड़ते हैं।

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