CHILD MARRIAGES STOPPED IN BUNDI
बूंदी। राजस्थान के बूंदी जिले में अधिकारियों ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए अक्षय तृतीया (30 अप्रैल) के अवसर पर होने वाले 14 बाल विवाहों को रोक दिया। बूंदी बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) की अध्यक्ष सीमा पोद्दार ने बताया कि जिले के अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (एसीजेएम) अदालत से निषेधाज्ञा आदेश मिलने के बाद इंद्रगढ़ और हिंडोली तहसीलों में संयुक्त अभियान चलाया गया। आदेश के तहत, भले ही नाबालिगों का विवाह संपन्न हो जाए, उसे कानूनी मान्यता नहीं मिलेगी।
सीडब्ल्यूसी को जिले में 20 से अधिक बाल विवाहों की सूचना मिली थी, जिनमें से जांच के बाद 14 मामले वास्तविक पाए गए। इसके बाद विभिन्न विभागों के सहयोग से अभियान तेज कर दिया गया। बाल विवाह रोकने के लिए जिला प्रशासन ने महिला सशक्तिकरण, सामाजिक न्याय, शिक्षा और बाल अधिकार विभागों के साथ मिलकर कार्यशालाओं, जागरूकता अभियानों और सेमिनारों का आयोजन किया।
CHILD MARRIAGES STOPPED IN BUNDI
बाल विवाह की तत्काल सूचना और कार्रवाई के लिए कोटा और बूंदी के जिला मुख्यालयों में 24/7 कंट्रोल रूम भी स्थापित किए गए हैं। महिला अधिकारिता विभाग के उपनिदेशक भेरूप्रकाश नागर ने बताया कि अब प्रिंटिंग प्रेस मालिकों को शादी के निमंत्रण पत्रों में वर-वधू की जन्मतिथि प्रकाशित करने का निर्देश दिया गया है, साथ ही पुजारियों को विवाह से पहले उम्र के दस्तावेजों की जांच करना अनिवार्य कर दिया गया है। इस समन्वित प्रयास का मकसद जिले में बाल विवाह पर पूर्ण अंकुश लगाना है।
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