Eknath Shinde Help Syed Adil Hussain Family
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम की शांत और सुरम्य बैसरन घाटी 22 अप्रैल को खून और चीखों से कांप उठी, जब पाकिस्तान समर्थित आतंकवादियों ने अचानक निर्दोष पर्यटकों पर अंधाधुंध गोलीबारी कर दी। इस भीषण हमले में 25 भारतीय नागरिक और एक नेपाली पर्यटक की जान चली गई। मृतकों में महाराष्ट्र के छह नागरिक भी शामिल थे। यह हमला न केवल दिल दहला देने वाला था, बल्कि पूरे देश को झकझोर देने वाला भी बन गया।
लेकिन इसी त्रासदी के बीच एक नाम ऐसा था जिसने मानवता, साहस और बलिदान की मिसाल पेश की — सैयद आदिल हुसैन शाह। केवल 20 वर्ष की उम्र में, आदिल ने ऐसा काम किया जो कई बार पूरी ज़िंदगी में भी कोई नहीं कर पाता।
आदिल पेशे से खच्चर ऑपरेटर था और पर्यटकों को बैसरन घाटी की सैर कराता था। जिस दिन यह हमला हुआ, वह अपने खच्चर पर पर्यटकों को लेकर घाटी में ही था। जैसे ही गोलियों की आवाज़ गूंजी और लोग जान बचाकर भागने लगे, आदिल ने निडर होकर एक आतंकवादी से रायफल छीनने की कोशिश की, ताकि उसके खच्चर पर सवार पर्यटक की जान बचाई जा सके। दुर्भाग्यवश, वह आतंकवादी की गोली का शिकार हो गया और शहीद हो गया। आदिल की इस वीरता ने कई जिंदगियाँ बचा दीं।
Eknath Shinde Help Syed Adil Hussain Family
इस अद्भुत साहस को सलाम करते हुए महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने आदिल के परिवार के लिए 5 लाख रुपये की आर्थिक सहायता की घोषणा की। यह सहायता शिवसेना कार्यकर्ताओं और NGO ‘सरहद संस्था’ के माध्यम से आदिल के परिवार को सौंपी गई।
इतना ही नहीं, एकनाथ शिंदे ने आदिल के पुराने और क्षतिग्रस्त घर को फिर से बनवाने का भी वादा किया। उन्होंने वीडियो कॉल के माध्यम से आदिल के परिवार से बात की, उन्हें ढांढस बंधाया और श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि “आदिल ने जो किया, वो सिर्फ एक बहादुर का काम था। उसका बलिदान न कभी भुलाया जाएगा, न व्यर्थ जाएगा।”
आदिल के भाई ने इस अवसर पर उस भयानक दिन की घटनाएं साझा कीं और बताया कि कैसे उनका भाई बहादुरी से आतंकवादियों के सामने खड़ा हुआ, सिर्फ दूसरों की जान बचाने के लिए।