CG Assembly Budget Session
रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र के 16वें दिन प्रश्नकाल के दौरान सरकार से कई अहम जनकल्याणकारी योजनाओं को लेकर तीखे सवाल पूछे गए। दिव्यांगों के लिए बने कानून के क्रियान्वयन से लेकर महतारी वंदन योजना, पालना योजना, प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना और मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना में अनियमितताओं का मुद्दा गरमाया रहा। विपक्ष ने सरकार को घेरते हुए योजनाओं में भ्रष्टाचार और लापरवाही के आरोप लगाए और त्वरित कार्रवाई की मांग की।
दिव्यांगों के लिए अब तक पद चिन्हांकित नहीं, सात साल से फंसी प्रक्रिया
भाजपा विधायक प्रबोध मिंज ने दिव्यांगजन अधिनियम 2016 को लागू नहीं किए जाने पर सरकार से जवाब मांगा। मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े ने बताया कि 24 विभागों से अभिमत आ चुका है, जबकि 26 विभागों से आना बाकी है। विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने निर्देश दिए कि 6 माह में पदों का चिन्हांकन पूरा किया जाए।
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बुजुर्ग महिलाओं से महतारी वंदन योजना में 500 रुपये की कटौती का आरोप
कांग्रेस विधायक अटल श्रीवास्तव ने आरोप लगाया कि बुजुर्ग महिलाओं को योजना की पूरी राशि नहीं मिल रही। मंत्री ने स्पष्ट किया कि पेंशनधारियों को अंतर की राशि दी जा रही है। रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया शीघ्र पूरी करने का भरोसा दिलाया गया।
पालना योजना पर खर्च नहीं, योजना कैसे चल रही? विपक्ष का सवाल
विधायक विक्रम मंडावी ने बताया कि 175 पालना केंद्रों के बावजूद योजना पर कोई खर्च नहीं हुआ। सरकार ने कारण बताया कि राज्यांश नहीं मिलने से राशि खर्च नहीं हुई। विधानसभा अध्यक्ष ने इस पर विस्तृत रिपोर्ट तलब की।
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गरीबों को नहीं मिला अनाज, पीएम अन्न योजना पर उठा सवाल
भाजपा विधायक भावना बोहरा ने आरोप लगाया कि कई लोगों को 5 किलो चावल नहीं मिला। मंत्री ने बताया कि 97% लोगों को लाभ मिला है, शेष जानकारी तत्काल नहीं दी जा सकती।
कन्या विवाह योजना में करोड़ों की गड़बड़ी, जांच की मांग
विधायक संदीप साहू ने आरोप लगाया कि बालोद में 8 लाख की जगह 33 लाख खर्च हुए। कुंवर सिंह निषाद ने 53 लाख की अनियमितता का दावा किया। मंत्री ने पारदर्शिता का हवाला दिया, लेकिन विपक्ष जांच पर अड़ा रहा।
संवेदनशीलता और जवाबदेही की कसौटी पर सरकार
विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने सभी योजनाओं में पारदर्शिता सुनिश्चित करने और समयसीमा में कार्रवाई के निर्देश दिए। विपक्ष ने इन मुद्दों को गंभीर बताते हुए सरकार से जवाबदेही तय करने की मांग की।