KAWASI LAKHMA
रायपुर। छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित 2000 करोड़ रुपये के शराब घोटाले में नया मोड़ सामने आया है। जेल में बंद पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने बड़ा बयान देते हुए दावा किया है कि उन्हें इस पूरे घोटाले में पार्टी के बड़े नेताओं ने मोहरा बनाया और अब वही नेता उनसे दूरी बना रहे हैं। लखमा ने कहा, “मैं शिकार हुआ हूँ, मुझे फंसाया गया है। गिरफ्तारी के बाद अब कोई भी मेरी सुध नहीं ले रहा।”
EOW ने भी शुरू की पूछताछ, 12 अहम बिंदुओं पर सवाल
लखमा की गिरफ्तारी के बाद अब आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा (EOW) भी सक्रिय हो गई है। दो दिन के भीतर यह दूसरा मौका है, जब EOW की टीम ने रायपुर सेंट्रल जेल में जाकर कवासी लखमा से पूछताछ की। बुधवार को करीब साढ़े पांच घंटे तक चली पूछताछ में नक्सलियों तक पैसे पहुंचने सहित कुल 12 बिंदुओं पर सवाल किए गए। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, जांच एजेंसियों को ऐसे संकेत मिले हैं कि शराब घोटाले की कुछ रकम नक्सलियों तक पहुंची है, जो राज्य की सुरक्षा व्यवस्था के लिए गंभीर चिंता का विषय है।
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कोर्ट से पूछताछ की अनुमति, आज फिर होगी पूछताछ
EOW ने इस पूछताछ के लिए ईडी की विशेष कोर्ट से अनुमति ली थी। कोर्ट ने 19 और 20 मार्च को पूछताछ की इजाजत दी है। आज एक बार फिर EOW की टीम जेल जाकर कवासी लखमा से सवाल-जवाब करेगी।
ED की कार्रवाई और गिरफ्तारी का क्रम
बता दें, कवासी लखमा को 15 जनवरी को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गिरफ्तार किया था। गिरफ्तारी के बाद उन्हें 7 दिन की कस्टोडियल रिमांड पर रखा गया, फिर 14 दिन की न्यायिक रिमांड पर जेल भेजा गया। फिलहाल वे रायपुर सेंट्रल जेल में बंद हैं और पिछली सुनवाई में उन्हें वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश किया गया था।
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राजनीतिक भूचाल की संभावना
वहीं लखमा का यह बयान कि पार्टी के ही लोग उन्हें फंसा रहे हैं, छत्तीसगढ़ कांग्रेस में अंदरूनी कलह को उजागर करता है। उन्होंने कथित रूप से सचिन पायलट से बातचीत में इस बात का खुलासा किया कि उन्हें बलि का बकरा बनाया गया है और अब पार्टी के नेता उनसे दूरी बना रहे हैं। यह बयान प्रदेश कांग्रेस के लिए गंभीर चुनौती बन सकता है।
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