Farewell Party in Kawardha
कवर्धा। छत्तीसगढ़ के कवर्धा जिले में हुई इस घटना ने सुरक्षा और अनुशासन को लेकर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक कवर्धा के एक स्कूल परिसर में इस तरह की स्टंटबाजी छात्रों के लिए खतरनाक साबित हो सकती थी, खासकर जब शिक्षक भी मौके पर मौजूद थे और बाद में इस वीडियो को खुद सोशल मीडिया पर साझा किया गया।
इस मामले में स्कूल प्रशासन और अभिभावकों की जिम्मेदारी बनती है कि वे छात्रों को अनुशासन और सुरक्षा के प्रति जागरूक करें। फेयरवेल पार्टियां विदाई और यादों का समय होती हैं, लेकिन यदि इस दौरान लापरवाही बरती जाए, तो यह खतरनाक रूप भी ले सकती है। प्रशासन को इस पर ध्यान देना चाहिए और ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए सख्त कदम उठाने चाहिए।
Farewell Party in Kawardha
स्टंटबाजी करते हुए टशन के साथ स्कूल में की एंट्री
सोशल मीडिया में वायरल हो रहे वीडियो में आप साफ देख सकते है कि पहले कैसे कुछ छात्र 8-10 बाइक से स्कूल में एंट्री करते हैं। इसके बाद कुछ स्टूडेंट्स चलती स्कॉर्पियो की गेट पर लटकते हुए स्कूल में घुसते हैं। वहीं कुछ छात्र काले चश्मे और स्कूली ब्लेजर पहने हुए थे और जेसीबी नुमा ट्रैक्टर पर खड़े होकर स्कूल में दाखिए हो रहे है। छात्रों ने इसकी रील बनाकर सोशल मीडिया पर भी सांझा किया है।
वहीं यह मामला अब सिर्फ मस्ती तक सीमित नहीं रह गया है, बल्कि अब यह अनुशासनहीनता और सुरक्षा नियमों की अनदेखी का गंभीर मुद्दा बन चुका है। अगर इस पर कोई सख्त कार्रवाई नहीं हुई, तो यह प्रवृत्ति अन्य स्कूलों में भी बढ़ेगी और बड़े हादसों को जन्म दे सकती है।
Farewell Party in Kawardha
कार्रवाई क्यों जरूरी है?
- सुरक्षा सुनिश्चित करना: गाड़ियों पर खतरनाक स्टंटबाजी से गंभीर दुर्घटनाएं हो सकती हैं। इससे छात्रों की जान को खतरा हो सकता है।
- अनुशासन कायम रखना: स्कूल में इस तरह की हरकतों को बढ़ावा देने से अनुशासनहीनता फैलेगी और अन्य छात्र भी इसे सामान्य समझने लगेंगे।
- भविष्य में रोकथाम: अगर अभी सख्त कदम नहीं उठाए गए, तो यह एक ट्रेंड बन सकता है और हर साल इसी तरह की घटनाएं देखने को मिलेंगी।
- अधिकारियों की जवाबदेही: शिक्षा विभाग और पुलिस को स्वत: संज्ञान लेते हुए कार्रवाई करनी चाहिए ताकि यह संदेश जाए कि कानून और नियमों से कोई भी ऊपर नहीं है।
अब सवाल यह है कि –
- क्या स्कूल प्रशासन को ऐसे छात्रों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई करनी चाहिए?
- क्या शिक्षा विभाग और पुलिस को इसमें हस्तक्षेप करना चाहिए?
- क्या अभिभावकों को भी इस पर ध्यान देना चाहिए ताकि वे अपने बच्चों को अनुशासन और सुरक्षा का महत्व समझा सकें?