Bombay High Court Orders
मुंबई। बंबई हाईकोर्ट के आदेश के बाद कल्याण-डोंबिवली महानगर पालिका (KDMC) क्षेत्र में बनी 65 अवैध इमारतों को तोड़ने की कार्रवाई शुरू हो गई है। इस फैसले से करीब 3500 परिवारों के बेघर होने का खतरा मंडरा रहा है। इन इमारतों को आरक्षित भूखंडों पर अवैध रूप से बनाया गया था, जहां गार्डन, अस्पताल और खेल के मैदान प्रस्तावित थे।
कैसे हुआ घोटाला?
आरोप है कि बिल्डर्स और नगर निगम के अधिकारियों की मिलीभगत से फर्जी दस्तावेज तैयार किए गए, जिसके जरिए नकली परमिशन लेटर और नक्शे पास करवाए गए। इन दस्तावेजों के आधार पर महारेरा (MahaRERA) से रजिस्ट्रेशन लेकर बैंकों से होम लोन भी मंजूर करवाए गए।
Bombay High Court Orders
जब यह घोटाला सामने आया, तब पुलिस ने 2020 में पहली एफआईआर दर्ज की, फिर 2022 और 2023 में दो और एफआईआर दर्ज की गईं। मामले की जांच के लिए विशेष जांच दल (SIT) गठित की गई। आप को बता दें कि इस मामले की जड़ें पांच साल पुरानी हैं।
इस मामले में बिल्डर्स, बिचौलियों और नगर पालिका अधिकारियों की मिलीभगत उजागर हुई, जिन्होंने फर्जी नक्शे पास करवाकर लोगों को अवैध फ्लैट बेच दिए। अब 3500 परिवारों के बेघर होने का खतरा है, जबकि असली दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग हो रही है।
वही अब कोर्ट के आदेश के बाद प्रशासन पर सवाल उठ रहे हैं कि निर्दोष फ्लैट खरीदारों का क्या होगा, जिन्होंने अपनी जीवनभर की कमाई इन घरों में लगा दी? बिल्डर्स और भ्रष्ट अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग तेज हो गई है।