Lok Sabha Election 2024
नई दिल्ली। आगामी लोकसभा चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी और समाजवादी पार्टी के साथ सीट-बंटवारे के समझौते के बाद कांग्रेस के नेतृत्व वाले इंडिया गठबंधन में उत्साह का माहौल सोमवार को फींका पड़ गया। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) ने सोमवार को केरल की चार लोकसभा सीटों के लिए अपने उम्मीदवारों की घोषणा की और खास बात है कि चार में राहुल गांधी की वायनाड और पार्टी नेता शशि थरूर की तिरुवनंतपुरम सीट भी शामिल है।
सीपीआई की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की सदस्य एनी राजा सीपीआई महासचिव डी राजा की पत्नी हैं। जबकि कांग्रेस और वामपंथी दल विपक्षी भारत गुट में सहयोगी हैं और दिल्ली में मधुर संबंध साझा करते हैं, उनका गठबंधन और दोस्ती केरल तक विस्तारित नहीं है। जहां वे मुख्य प्रतिद्वंद्वी हैं, क्रमशः यूडीए और एलडीएफ गठबंधन का नेतृत्व कर रहे है।
हालांकि, इंडिया गठबंधन की तरफ से अभी केरल में सीटों की शेयरिंग को लेकर अभी कोई समझौता सामने नहीं आया है। इस बीच एक घटक की तरफ से उम्मीदवारों की घोषणा को इंडिया गठबंधन में दरार की तरफ भी देखा जा रहा है। वहीं, राजनीतिक के जानकार इसे वाम दलों की तरफ से कांग्रेस पर दबाव बनाने की रणनीति बताया जा रहा है।
Lok Sabha Election 2024
मिली जानकारी अनुसार इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल) की तरफ से मौजूदा दो के बजाय तीन सीटें आवंटित करने के दबाव के बीच गांधी वायनाड निर्वाचन क्षेत्र छोड़ने पर विचार कर रहे हैं। क्षेत्र में अपने पर्याप्त मुस्लिम मतदाता आधार को देखते हुए, IUML वायनाड से अपना उम्मीदवार खड़ा करना चाहता है।
जबकि गांधी ने 2019 में वायनाड से 4 लाख से अधिक वोटों के अंतर से जीत हासिल की थी और भले ही पार्टी के नेतृत्व वाला यूडीएफ वहां मजबूत बना हुआ है, कांग्रेस को केरल में अपने खाते से एक राज्यसभा सीट निकालनी होगी। वायनाड में एक महत्वपूर्ण मुस्लिम आबादी है,
जिनमें से अधिकांश आईयूएमएल के समर्थक हैं, इसमें ईसाइयों की भी उल्लेखनीय उपस्थिति है, जिस समुदाय से एनी संबंधित हैं। सीपीआई ने पार्टी के दिग्गज नेता और पूर्व सांसद पन्नियन रवींद्रन को भी तिरुवनंतपुरम से टिकट देने की घोषणा कर दी है। यहां से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर अभी सांसद हैं।
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माना जा रहा है कि राहुल गांधी तेलंगाना के अलावा यूपी की अमेठी या रायबरेली सीट में से किसी एक सीट से चुनाव लड़ सकते हैं। सोनिया गांधी ने इस बार रायबरेली से चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया है। ऐसे में माना जा रहा है कि राहुल अपने परिवार की पारंपरिक सीट से चुनावी मैदान में उतर सकते हैं।
अमेठी को लेकर खबर है कि राहुल गांधी यहां से चुनाव लड़ने को लेकर उतने उत्साहित नहीं दिख रहे हैं। दूसरी तरफ चुनाव हारने के बाद राहुल ने अमेठी में कम दिलचस्पी दिखाई है। वहीं, एक चर्चा यह भी है कि यहां से वरुण गांधी भी चुनाव लड़ सकते हैं। हालांकि, समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के बीच समझौते में यह सीट कांग्रेस के खाते में गई है। ऐसे में अगर सहमति बनती है तो आखिरी समय में वरुण गांधी यहां समाजवादी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ सकते हैं।