Congress Worker Prabhat Pandey Death Case
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में विधानसभा के पास प्रदर्शन के दौरान बुधवार को कांग्रेस के एक कार्यकर्ता की मौत हो गई। जिसके बाद पार्टी की यूपी इकाई के प्रमुख अजय राय ने पुलिस की बर्बरता बताया है। वहीं पुलिस ने जानकारी दी कि मूल रूप से गोरखपुर के रहने वाले 31 वर्षीय प्रभात पांडेय को कांग्रेस कार्यालय से ही अस्पताल मृत अवस्था में लाया गया था। वहीं इस मामले में मृतक के चाचा मनीष पांडेय ने हुसैनगंज थाना में अज्ञात के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कराया है।
खबरों से मिली जानकारी के मुताबिक विधानभवन का घेराव करने जा रहे कांग्रेस कार्यकर्ताओं की पुलिस से झड़प के बाद मृत अवस्था में डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी सिविल अस्पताल ले जाए गए यूथ कांग्रेस के पूर्व पदाधिकारी प्रभात पांडेय की मौत के मामले में पुलिस ने जांच तेज कर दी है। गुरुवार देर रात को श्वान दस्ते के साथ पुलिस व फॉरेंसिक की फील्ड यूनिट ने माल एवेन्यू स्थित प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय के उस कमरे (कक्ष संख्या-30) को सील कर दिया था, जहां प्रभात के बेसुध पड़े होने की बात सामने आई थी।
Congress Worker Prabhat Pandey Death Case
जिसके बाद गुरुवार को पुलिस ने पूछताछ के लिए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सहित 20 लोगों को नोटिस दिया है। वही इस मामले पर अब सियासत भी तेज हो गई है। यूपी कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अजय राय ने मृतक के परिवार को दस लाख रुपये देने का ऐलान किया है और यूपी सरकार से एक करोड़ रुपये और एक सरकारी वकील देने की मांग की है।
इनको जारी किया गया नोटिस
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू, एनएसयूआइ के महासचिव आरएन मिश्रा, नगर अध्यक्ष (दक्षिणी) शहजाद आलम, कार्यालय के कर्मचारी विकास रावत, प्रभात को अस्पताल पहुंचाने वाले चालक गयास, संदीप मिश्रा, नितांत सिंह नितिन समेत अन्य लोग हैं।
घटना के संबंध में मध्य लखनऊ DCP रवीना त्यागी ने बताया कि प्रभात पांडेय को कांग्रेस कार्यालय से बेहोशी की हालत में हजरतगंज के सिविल अस्पताल लाया गया। यहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। इस दौरान डॉक्टरों ने बताया कि प्रथम दृष्टया मृतक के शरीर पर कोई चोट के निशान नहीं थे। बहरहाल, एक पैनल मृतक का पोस्टमॉर्टम करेगी, जिसकी पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी की जाएगी। इसी के अनुसार मामले में आगे की कानूनी कार्यवाही की जाएगी।