Chhath Puja 2024
रायपुर। आज छठ महापर्व का चौथा और अंतिम दिन है, जिसे उषा अर्घ्य कहा जाता है। इस दिन उगते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है और छठी मैया को नमन किया जाता है।
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छठ महापर्व चार दिनों तक मनाया जाता है, और इन दिनों व्रती महिलाओं को विशेष नियमों का पालन करना होता है। छठ महापर्व की शुरुआत नहाय-खाय से शुरू होती है। इसके बाद दूसरे दिन खरना होता है।
फिर तीसरे दिन संध्या अर्घ्य होता है और चौथे दिन को ऊषा अर्घ्य के नाम से जाना जाता है। और साथ ही छठ व्रत का पारण भी किया जाता है। कार्तिक माह की शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि के दिन देश में छठ पूजा की जाती है। यह पूजा भगवान सूर्य और उनकी पत्नी ऊषा को समर्पित होती है।
Chhath Puja 2024
छठ पूजा क्यों मनाया जाता है
छठ पूजा का पर्व प्राचीन काल से ही मनाया जाता आ रहा है। मान्यताओं अनुसार इस व्रत को करने से व्यक्ति को हर मनोकामना पूर्ण हो जाती है और घर-परिवार में खुशहाली बनी रहती है।
लेकिन मुख्य रूप से छठ व्रत माताएं अपनी संतान की लंबी आयु और सुखी जीवन की कामना से रखती हैं। वहीं ये व्रत संतान प्राप्ति की इच्छा रखने वाली महिलाओं के लिए भी खास माना जाता है।
इस पर्व में सूर्य देव और छठी मैया की अराधना की जाती है। यह एक मात्र ऐसा व्रत है जिसमें चढ़ते सूरज की जगह डूबते सूरज की पूजा होती है। ये पर्व मुख्य रूप से बिहार, पूर्वी उत्तर प्रदेश, झारखंड में मनाया जाता है।