अमिताभ नाम पहले ‘इंकलाब राय’ था फिर सुमित्रानंदन पंत की बातों से प्रभावित होकर हरिवंशराय बच्चन ने अमिताभ रख दिया था।

अपने मुंडन संस्कार के दिन अमिताभ बच्चन के सिर में गहरा घाव हो गया था दरअसल, उस दिन एक सांड पटखनी देकर चला गया था।

अमिताभ बच्चन एयरफोर्स में इंजीनियर बनना चाहते थे पर किस्मत ने उन्हें बॉलीवुड का ‘शहंशाह’ बना दिया।

संघर्ष के दिनों में अमिताभ ने कई रातें मुंबई के मरीन ड्राइव के बेंच पर बिताई हैं। वे आज भी वहां जाकर काफी भावुक हो जाते हैं।

आज जिस गंभीर आवाज़ के सभी दीवाने हैं, कभी इसी आवाज़ को ऑल इंडिया रेडियो ने रिजेक्ट कर दिया था।

‘सात हिंदुस्तानी’ उनकी पहली और एकलौती ब्लैक एंड व्हाइट फिल्म थी। इसके लिए उन्हें राष्ट्रीय पुरस्कार भी मिला था।

.अमिताभ बच्चन फिल्म ‘जंजीर’ से पहले उनकी 12 फिल्में फ्लॉप हुई थीं। मगर उन्होंने कभी हिम्मत नहीं हारी।

महमूद खुद को अमिताभ बच्चन का दूसरा बाप मानते थे। वे अक्सर कहते थे कि अमिताभ के दो बाप हैं, एक उन्हें पैदा करने वाला और दूसरा उन्हें कमाना सिखाने वाला।