Temple of Maa Brahmacharini in MP
मध्यप्रदेश के देवास जिले में इस ऐसा मंदिर है। जहां मां ब्रह्मचारिणी विराजमान हैं। घने जंगल और कच्ची सड़कें होने के बावजूद यहां दूर-दूर से श्रद्धालु आते हैं। इस मंदिर की खासियत यह है कि मां किसी भव्य मंदिर में नहीं बल्कि पेड़ों के नीचे विराजमान हैं।
दरअसल, शारदीय नवरात्रि में देवी मां के अलग-अलग स्वरूपों की पूजा की जाती है। इस पावन पर्व में देवी के नौ अलग-अलग स्वरूपों की नौ दिनों तक विधि-विधान से पूजा की जाती है। पहले दिन सबसे पहले मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है। दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाती है।
Temple of Maa Brahmacharini in MP
देवास में बना है मां ब्रह्मचारिणी का मंदिर
देवास जिले में स्थित माता ब्रह्मचारिणी के अनोखे मंदिर बेहरी से करीब 2 किलोमीटर दूर कच्चे रास्तों से होकर मंदिर तक पहुंचा जाता है। घने जंगल और उबड़-खाबड़ रास्तों के बावजूद भी यहां रोजाना श्रद्धालु माता के दर्शन के लिए पहुंचते हैं। यहां माता किसी भव्य मंदिर में नहीं, बल्कि पेड़ों के नीचे विराजमान हैं। मां ब्रह्मचारिणी का मंदिर को चमत्कारी मंदिर माना जाता है। दूर-दूर से दुखी और निराश श्रद्धालु यहां आकर सुख-शांति की कामना करते हैं।
बगोई माता के नाम से प्रसिद्ध
मां ब्रह्मचारिणी का यह मंदिर बगोई माता मंदिर के नाम से प्रसिद्ध है। यहां बगोई माता को ब्रह्मचारिणी मां के रूप में पूजा जाता है। बागोई माता मंदिर के बारे में मान्यता है कि अगर कोई भी पशु किसी परजीवी रोग से पीड़ित है तो उसे माता के दरबार में लाकर अभिमंत्रित भस्म लगाने से उसके सभी रोग और कष्ट पल भर में दूर हो जाते हैं।
Temple of Maa Brahmacharini in MP
आपको बता दें कि नवरात्रि के दौरान इस मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ होती है। दूर-दूर से भक्त नंगे पैर यहां माता के दर्शन करने आते हैं।