Jaishankar In Germany
म्यूनिख। रूस-यूक्रेन युद्ध के दौरान भारत ने मॉस्को से तेल खरीदना जारी रखा, जिसके कारण उसे कई बार आलोचना का सामना करना पड़ा है। विदेश मंत्री एस जयशंकर लगातार अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत के स्टैंड को जोरदार तरीके से रखते हुए कहा कई विकल्प रखने के लिए भारत की आलोचना नहीं की जानी चाहिए।
इसके साथ ही, रूसी तेल खरीदने के अपने रुख और प्रतिबद्धता की भी पुष्टि की। जयशंकर ने जर्मनी के म्यूनिख में एक सुरक्षा सम्मेलन में कहा कि भारत के पास तेल के कई स्रोत हैं और रूस उनमें से एक है। उन्होंने कहा कि भारत को अपनी ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए सबसे अच्छा विकल्प चुनने का अधिकार है।
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि हम स्मार्ट हैं हमारे पास विकल्प हैं, आपको तो तारीफ करनी चाहिए। क्या यह दूसरों के लिए एक समस्या है? मुझे ऐसा नहीं लगता है। हम यह समझाने की कोशिश करते हैं कि देशों के बीच क्या-क्या अलग-अलग खींचतान और दबाव हैं। एकतरफा संबंध रखना बहुत मुश्किल है।’
म्यूनिख में 60वां सुरक्षा सम्मेलन समारोह
बता दें, विदेश मंत्री जयशंकर फिलहाल जर्मनी के म्यूनिख पहुंचे हुए हैं। यहां 60वां म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन (एमएससी) 16-18 फरवरी तक आयोजित किया जा रहा है।
इस दौरान जयशंकर ने अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन और जर्मनी की विदेश मंत्री एनालेना बेयरबॉक के साथ संयुक्त राष्ट्र महासभा से इतर वाशिंगटन डीसी और मॉस्को के साथ भारत के द्विपक्षीय संबंधों के संतुलन पर विस्तार से चर्चा की।
कच्चे तेल की निरंतर खरीद पर सवाल
मॉडरेटर ने यूक्रेन पर मॉस्को के आक्रमण के बावजूद रूस से भारत की कच्चे तेल की निरंतर खरीद पर सवाल किया था, जिसका जवाब विदेश मंत्री जयशंकर दे रहे थे। इस दौरान अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन मुस्कुराते नजर आए।
हमास में हुए आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा
विदेश मंत्री ने 7 अक्टूबर को हमास द्वारा इजरायली शहरों पर किए गए हमलों को भी “आतंकवाद” बताया, लेकिन साथ ही तेल अवीव की प्रतिक्रिया का जिक्र करते हुए कहा कि मानवीय कानून का पालन करना इजरायल का अंतरराष्ट्रीय दायित्व है।
उन्होंने फिलिस्तीन मुद्दे पर “दो-राज्य समाधान” की भारत की लंबे समय से चली आ रही स्थिति पर भी प्रकाश डाला। 7 अक्टूबर को हमास द्वारा इजरायली शहरों पर किए गए अभूतपूर्व हमले के प्रतिशोध के तहत इजरायल ने गाजा में अपना सैन्य आक्रमण जारी रखा है। भारत ने हमास द्वारा किए गए आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा की है और स्थिति को सामान्य करने का आह्वान किया।