Liquor policy case
दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने आज गुरूवार को शराब नीति मामले में अरविंद केजरीवाल के फैसले को सुरक्षित रख लिया हैं। अब इस फैसले की सुनवाई 10 दिसंबर यानि मंगलवार को होगी। अरविंद केजरीवाल ने कोर्ट में कहा कि शराब घोटाला मामले में सीबीआई ने करीब दो साल तक गिरफ्तार नही किया गया लेकिन मनी लॉड्रिंग के मामले में ईडी से जमानत मिली तो सीबीआई ने उसे 26 जून को गिरफ्तार कर लिया।
कोर्ट में केजरीवाल के वकील ने कहा कि उनको गिरफ्तार करने से पहले सीबीआई ने कोई नोटिस भी नही दिया था।
अरविंद केजरीवाल के लिए जमानत का अनुरोध
जानकारी के मुताबिक, सुप्रीमकोर्ट में इस मामले की सुनवाई जस्टीस सुर्यकांत और जस्टीस उज्जवल भुइंया के पीठ के सामने की गई। इस सुनवाई में अरविंद केजरीवाल की तरफ से वकील अभिषेक मनु सिंघवी और सीबीआई के तरफ से एसवी राजू ने कोर्ट में अपनी दलीले पेश की।
इस मामले में केजरीवाल का पक्ष रखते हुए अभिषेक मनु सिंघवी ने जमानत का अनुरोध करते हुए सुप्रीम कोर्ट से कहा कि अरविंद केजरीवाल एक संवैधानिक पद पर हैं और उनके भागने का भी कोई खतरा नही हैं, इसलिए उनको जमानत दे दी जानी चाहिए। इस पर एसवी राजू ने कहा कि कानून के लिए कोई खास नही होता हैं, सब आम आदमी हैं।
Liquor policy case
केजरीवाल साप-सीढ़ी की तरह शॉर्ट कट अपना रहे हैं
वकील एसवी राजू ने कोर्ट में जस्टीस सुर्यकांत और जस्टीस उज्जवल भुइंया के पीठ के से कहा कि केजरीवाल को लगता हैं कि “वे आसाधारण व्यक्ति हैं, जिनके अलग से नियम कानून बनेंगे। केजरीवाल को जमानत के लिए पहले ट्रायल जाना चाहिए लेकिन वे साप-सीढ़ी के खेल की तरह शॉर्ट कट अपना रहे हैं। मनीष सिसोदिया और बीआरएस नेता कविता जैसे लोगों ने जमानत के लिए ट्रायल कोर्ट में एप्लाई किया था वैसे ही अरविंद केजरीवाल को भी करना चाहिए।“
वकील एसवी राजू ने कहा कि स्पेशल कोर्ट से परमिशन मिलने के बाद वारंट जारी हुआ और उसके बाद सीबीआई ने अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार किया गया।