CG Electricity New Rates
रायपुर। छत्तीसगढ़ में औद्योगिक बिजली की दरों में वृद्धि के बाद एक ओर जहा उद्योगपतियों ने उद्योग बंद करने का एलान किया है। तो वहीं, अब इस मामले को लेकर प्रदेश की भाजपा सरकार विपक्ष के निशाने पर आ गई है। इस मामले को लेकर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मौजूदा सरकार पर उद्योगपतियों के हितों की अनदेखी करने का आरोप लगाया है। बघेल ने आरोप लगाया है कि किसी भी प्रदेश के विकास में उद्योगपति की अहम भूमिका होती है। ऐसे में इस तरह का कदम उठाना घातक साबित हो रहा है।
भूपेश बघेल ने कहा, “छत्तीसगढ़ मिनी स्टार्ट प्लांट एसोसिएशन और छत्तीसगढ़ स्पंज आयरन मैन्युफैक्चरिंग एसोसिएशन ने मुझे ज्ञापन सौंपा है। राज्य में पहली बार किसी सरकार ने उद्योगों पर तालाबंदी की है। मैं समझता हूं कि इसकी जितनी निंदा की जाए कम है। इससे प्रदेश में 150 उद्योग बंद हुए हैं। अब आप समझ सकते हैं कि इससे कितनी बड़ी संख्या में लोग बेरोजगार हुए होंगे।
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वही उद्योगपतियों से मुलाकात के बाद पूर्व सीएम श्री बघेल ने कहा कि, छत्तीसगढ़ में पहली बार 150 उद्योगों में तालाबंदी हुई है। पड़ोसी राज्यों की तुलना में छत्तीसगढ़ सरप्लस स्टेट है। पड़ोसी राज्यों में बिजली दर 5 रुपए है लेकिन छत्तीसगढ़ में 7.62 रुपए ले रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि, कांग्रेस की सरकार में उद्योगों को बढ़ावा देने का काम किया गया था। यहां तक कि, कोरोनाकाल में भी छत्तीसगढ़ में उद्योग बंद नहीं हुए थे।
लॉकडाउन के दौरान भी हमने उद्योगों को ही बढ़ाने का प्रयास किया, लेकिन आज मौजूदा सरकार जिस तरह से उद्योगों पर गहरा आघात कर रही है, वो किसी भी मायने में उचित नहीं है। उद्योग बंद होने से लाखों लोग बेरोजगार हो जाएंगे। यहां तक कि, बिजली दरों में वृद्धि का निर्णय वापस होना चाहिए। नहीं तो इसका सीधा असर अन्य कारकों पर भी पड़ेगा। आगे बघेल ने कहा कि पहले कर्मचारी उद्योगपतियों के खिलाफ में विरोध-प्रदर्शन किया करते थे,
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लेकिन अब बीजेपी सरकार के कारण ये नौबत आ चुकी है कि उद्योगपति सरकार के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन करेंगे। ऐसे में एक बात और समझने की जरूरत है कि उद्योगपति राज्य और केंद्र सरकार को रेवेन्यू दिलाने की दिशा में अहम भूमिका निभाते हैं। तो ऐसे में उद्योगपतियों के हितों पर कुठाराघात किसी भी सूरत में उचित नहीं है।
वही आगे पूर्व सीएम बघेल ने पीएम आवास पर डिप्टी सीएम अरुण साव के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि, ये विधानसभा के बाहर कुछ और अंदर कुछ बोल रहे हैं। प्रदेश में बीजेपी की सरकार बनने के बाद से अभी तक पीएम आवास में एक भी मकानों की स्वीकृति नहीं किए गए हैं। अगर पीएम आवास के तहत स्वीकृति दिए हैं तो बताएं कि, 18 लाख आवासों में कितना स्वीकृत किया गया है। 18 लाख आवासों में पहली किश्त किसको दिया गया है। इन्होने विधानसभा में तो जवाब दिया था कि, एक भी मकान नहीं बना है।