नया रायपुर स्थित जंगल सफारी में पिछले 1 साल में 74 वन्यजीवों की मौत हो चुकी है, वन्यजीवों की मौत का मुद्दा विधानसभा में गूंजा, कांग्रेस विधायक शेषराज हरबंस ने वन्यजीवों की मौत का मुद्दा उठाया, वनमंत्री केदार कश्यप ने विधायक के सवाल पर जवाब देते हुए कहा, 2023 से जनवरी 2024 के बीच 74 वन्यजीवों की जंगल सफारी में मौत हुई है.

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घटना के संबंध में विशेषज्ञों से जांच कराई गई है, वन्यजीवों को आवश्यक दवाएं दी जा रही है, टीकाकरण का प्रयास भी किया जा रहा है, किसी की उम्र ज्यादा हो गई थी तो कुछ लोगों की आपसी झगड़े में मौत हुई है, वन्य प्राणियों के सुरक्षा की व्यापक व्यवस्था है, चिकित्सा का कंपाउंडर भी है.
विधायक ने पूछा कि इस मामले में किसी अधिकारी और डॉक्टर के लापरवाही सामने आई है क्या ? मंत्री ने कहा कि सेंट्रल जू अथॉरिटी से इसकी जांच कराने का किया एलान गया है, साथ ही डॉक्टर राकेश वर्मा और कंपाउंडर सोनल मिश्रा के खिलाफ को शोकॉज नोटिस जारी किया गया है, विधानसभा अध्यक्ष डा रमन सिंह ने सुझाव दिया कि किसी बेदाग और कुशल डॉक्टर को वहां भेजे.
वही आपको बता दे कि इससे पहले जंगल सफारी में दुर्लभ चौसिंगा हिरण की मौतों के मामले में नेता प्रतिपक्ष डा. चरणदास महंत ने विधानसभा में ध्यानाकर्षण के दौरान सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाया, नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि चौसिंगा शेड्यूल 1 का दुर्लभ प्राणी है, उसकी सुरक्षा में लापरवाही बरती गई, जंगल सफारी में योग्य लोगों का अभाव है, इसलिए उनका ध्यान नहीं रखा जा सका. इस मामले में सरकार दोषी अफसरों को संरक्षण दे रही है, इस लापरवाही पर अधिकारियों पर बड़ी कार्रवाई नहीं की गई.
नेता प्रतिपक्ष के सवाल के जवाब में वन मंत्री केदार कश्यप ने सदन को बताया कि चौसिंगा के बीमार होने की वजह से मृत्यु हो गई, बीमारी की जानकारी मिलते ही कार्रवाई की गई है, वहीं अन्य चौसिंगा के स्वास्थ्य परीक्षण भी समय पर कराया गया, इस मामले में तीन दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है, वहीं अन्य अधिकारियों को नोटिस जारी किया गया है, वन मंत्री ने स्वीकार किया कि चौसिंगा की मृत्यु दुर्भाग्यपूर्ण है, जो दोषी हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई की गई है, रिपोर्ट सेंट्रल जू अथारिटी को भी भेजी गई है.