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6th National Awards : जल संरक्षण में मिसाल बना गरियाबंद…नेशनल वाटर अवॉर्ड में बड़ा सम्मान

6th National Awards: Gariaband becomes an example in water conservation...big honour in National Water Award

6th National Awards

रायपुर, 19 नवम्बर। 6th National Awards : छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले ने जल संरक्षण और जनभागीदारी के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्यों के लिए राष्ट्रीय स्तर पर महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। जिले को 6th National Water Awards में जोन-1, केटेगरी-2 के अंतर्गत देश में तीसरा स्थान प्राप्त हुआ है। यह सम्मान दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित समारोह में राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु द्वारा प्रदान किया गया। पुरस्कार के रूप में जिले को एक करोड़ रुपये की राशि दी गई है, जिससे पूरे राज्य का गौरव बढ़ा है।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने गरियाबंद जिले को इस उपलब्धि पर बधाई और शुभकामनाएँ दीं। समारोह में केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सी. आर. पाटिल, जल शक्ति एवं रेल मंत्रालय के राज्यमंत्री वी. सोमन्ना तथा जल शक्ति मंत्रालय के राज्यमंत्री राज भूषण चौधरी उपस्थित थे। पुरस्कार जिले के कलेक्टर बी. एस. उइके, जल संसाधन विभाग के कार्यपालन अभियंता एस. के. बर्मन और सहायक अभियंता मनोज ताण्डिल्य ने ग्रहण किया।

राष्ट्रीय जल पुरस्कार प्रतियोगिता में कई चरणों के निरीक्षण, मूल्यांकन और पर्यवेक्षण के बाद गरियाबंद जिले को ईस्ट जोन के तृतीय बेस्ट जिला के रूप में चुना गया। जिले में 26,025 सतही जल स्रोतों के संरक्षण, रख-रखाव और जनभागीदारी को बढ़ावा देने के लिए किए गए प्रयास इस उपलब्धि का मुख्य आधार रहे।

यह उपलब्धि विभिन्न विभागों के समन्वित कार्य, जनप्रतिनिधियों, स्वयंसेवी संस्थाओं, महिलाओं और आम नागरिकों की सक्रिय सहभागिता का परिणाम है। गिरते जल स्तर को ध्यान में रखते हुए जिले में जल शक्ति अभियान – कैच द रेन (मोर गांव-मोर पानी) के तहत मिशन जल रक्षा – नारी शक्ति से जल शक्ति की पहल भी सफलतापूर्वक चल रही है।

जिले में भू-जल रिचार्ज के लिए कई तकनीकी नवाचार किए गए हैं, जिनमें रिचार्ज सॉफ्ट बोरवेल और सैंड फिल्टर तकनीक से असफल बोरों को पुनर्जीवित करने का प्रयास, परकुलेशन टैंकों में इंजेक्शन वेल बनाकर वर्षाजल का सीधे भू-जल स्तर से जुड़ाव, नए बोरवेल के साथ इंजेक्शन वेल निर्माण, पहाड़ी क्षेत्रों में रिचार्ज संरचनाएं और निम्न भूमि क्षेत्रों में जल संरक्षण उपाय, जल संरचनाओं की मरम्मत, संधारण और GIS-आधारित योजना निर्माण। इन अभिनव और सामूहिक प्रयासों ने गरियाबंद जिले को राष्ट्रीय मंच पर विशिष्ट पहचान दिलाई है और यह उपलब्धि छत्तीसगढ़ के लिए गर्व का विषय बनी है।

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