छत्तीसगढ़ म शिक्षा व्यवस्था ल लेके एक बड़का फर्जीवाड़ा आगु आइस हे. जेमा एक NGO ह न सेर्फ सरकारी स्कूल म टीचर भेजिस बल्कि 300 ले ज्यादा बेरोज़गार मन ले करोड़ों रुपये के वसूली घलो करिस.
ये पूरा मामला “फर्जी नियुक्ति अउ फर्जी वादा के जाल” हे, जेमा भोले-भाले युवा मन ल फंसाये गीस.NGO ह दावा करिस कि ओमन के पास सरकारी स्कूल म टीचर भेजे के “खुफिया समझौता” हे.लोगन मन ल कहे गीस की “तुमन ल सीधा सरकारी स्कूल म टीचर के नौकरी मिलही. वो भी 58 साल के उम्र तक पक्का पोस्टिंग के संग. लेकिन स्कीम कोनो ल बताना मत!” ये ‘स्कीम’ म शामिल होये बर प्रत्येक व्यक्ति ले 2 ले 5 लाख रुपये तक ले गीस.
जांच म आगु आइस कि NGO के डायरेक्टर ह साफ कहिस की “सरकारी स्कीम हे, अउ गोपनीय हे अफसर मन ले सेटिंग हे . तुमन ल सीधा नौकरी मिलही.
कतकोन युवा मन ल फर्जी नियुक्ति पत्र घलो थमाये गीस, अउ ओ महीना तक स्कूल म पढ़ात घलो रीहिस. बिना कोनो वैध नियुक्ति के.
अब जब भांडा फूटिस, त न पइसा वापिस, न नौकरी – सेर्फ धोखाधड़ी के शिकायत अउ पुलिस जांच.
सरकार अउ शिक्षा विभाग ह कहिस कि ये नियुक्ती के कोनो आधिकारिक जानकारी नी हे. यानी ये पूरा नेटवर्क बिना सरकारी अनुमति के संचालित होवत रीहिस.