Malhargarh Police Station : देश के टॉप–10 में शामिल थाने पर धब्बा…! फर्जी केस में आधा दर्जन पुलिसकर्मी सस्पेंड…हाईकोर्ट की सख्ती के बाद 6 पुलिसवाले निलंबित

Malhargarh Police Station : देश के टॉप–10 में शामिल थाने पर धब्बा…! फर्जी केस में आधा दर्जन पुलिसकर्मी सस्पेंड…हाईकोर्ट की सख्ती के बाद 6 पुलिसवाले निलंबित

मंदसौर, 11 दिसंबर। Malhargarh Police Station : जिस थाने को कभी ‘बेहतरीन कार्यकुशलता’ के लिए सम्मानित किया गया, जिसने देश के ‘टॉप 10 पुलिस स्टेशनों में 9वीं रैंक’ हासिल कर क्षेत्र का नाम रोशन किया, आज उसी थाने के ऊपर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। चौंकाने वाली बात यह है कि इसी प्रतिष्ठित थाने की लापरवाही और कथित फर्जी कार्रवाई ने न सिर्फ उसकी साख को झटका दिया, बल्कि हाईकोर्ट की सख्ती के बाद यहां पदस्थ करीब आधा दर्जन पुलिसकर्मियों को तत्काल निलंबित करना पड़ा। मध्य प्रदेश के मंदसौर का मल्हारगढ़ पुलिस स्टेशन, जिसे भरोसे और ज़िम्मेदारी का प्रतीक माना जाता है, अब एक बड़े विवाद के केंद्र में है।

दरअसल, मादक पदार्थों की तस्करी के नाम पर भोले-भाले युवकों को फंसाने का सनसनीखेज मामला मल्हारगढ़ थाने से सामने आया है। हाईकोर्ट ने इस फर्जी एनडीपीएस प्रकरण की जांच के आदेश देते हुए थाने के 6 अधिकारियों और पुलिस कर्मियों को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया है।

क्या हुआ था 29 अगस्त को?

प्रतापगढ़ जिले के 18 वर्षीय युवक सोहनलाल 29 अगस्त 2025 को नीमच से प्रतापगढ़ जा रही एक निजी बस में सफर कर रहा था। इस दौरान सादे कपड़ों में पुलिसकर्मी बस में घुसकर उसे एनडीपीएस एक्ट के तहत अफीम तस्करी के आरोप में गिरफ्तार कर थाने ले गए। पुलिस ने प्रकरण में दावा किया कि युवक के पास 2 किलो 700 ग्राम अफीम थी।

हाईकोर्ट में खुलासा हुआ झूठ

युवक ने हाईकोर्ट में अपील कर फर्जी केस का सच उजागर किया। वकील हिमांशु ठाकुर ने बस के सीसीटीवी फुटेज कोर्ट में पेश किए, जिसमें साफ देखा जा सकता था कि सोहनलाल खाली हाथ था। हाईकोर्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए पिछले सप्ताह ही युवक को जमानत पर रिहा कर दिया।

9 दिसंबर को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने मंदसौर एसपी विनोद कुमार मीणा को जवाब पेश करने के लिए तलब किया। कोर्ट ने निर्देश दिया कि मामले की जांच पूरी होने तक आरोपी पुलिस कर्मियों को सस्पेंड किया जाए।

पुलिस महकमे में हड़कंप

हाईकोर्ट के आदेश के बाद मल्हारगढ़ थाने सहित पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया है। इस मामले से यह सवाल उठ रहा है कि एनडीपीएस एक्ट का दुरुपयोग करके भोले-भाले युवकों को फंसाने और उनसे वसूली करने की घटनाएँ लगातार क्यों हो रही हैं।

विशेषज्ञों का कहना है कि अफीम तस्करी के लिए बनाए गए कड़े कानूनों के आड़ में कई बार पुलिस फर्जी प्रकरण दर्ज कर आर्थिक लाभ भी उठाती रही है। अब यह देखना बाकी है कि कोर्ट की सख्त हिदायत के बाद पुलिस प्रशासन इस मामले में कितनी पारदर्शिता और जिम्मेदारी दिखाता है।

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