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Naxal Commander Barse Dev : बस्तर में नक्सल मोर्चे पर बड़ा बदलाव संभव…! कमांडर बारसे देवा कर सकता है कभी भी सरेंडर

Naxal Commander Barse Dev: Major changes are possible on the Naxal front in Bastar…! Commander Barse Deva could surrender at any time.

Naxal Commander Barse Dev

जगदलपुर, 02 दिसंबर। Naxal Commander Barse Dev : छत्तीसगढ़ के बस्तर में नक्सल मोर्चे से जुड़ी सबसे बड़ी खबर सामने आ रही है। नक्सलियों की सबसे खतरनाक मानी जाने वाली PLGA बटालियन नंबर-1 का कमांडर बारसे देवा जल्द ही सरेंडर कर सकता है। सूत्रों के मुताबिक सुकमा क्षेत्र में उसके लिए सुरक्षित कॉरिडोर तैयार किया जा रहा है, ताकि वह जंगल से बाहर निकल सके। यदि देवा आत्मसमर्पण कर देता है तो नक्सल संगठन के लिए यह सबसे बड़ा झटका माना जाएगा।

हिड़मा के एनकाउंटर के बाद संगठन की कमर टूटी

18 नवंबर को नक्सलियों की सेंट्रल कमेटी के सदस्य माड़वी हिड़मा का आंध्र प्रदेश के अल्लूरी सीतारामा राजू जिले में एनकाउंटर हो गया। हिड़मा की मौत के बाद बस्तर में नक्सली संगठन लगभग बिखर गया है, क्योंकि वह ही वह कड़ी था जो दंडकारण्य में सक्रिय माओवादी ढांचे को जोड़कर रखता था।

एक ही गांव के दो सबसे बड़े नक्सली

हिड़मा और बारसे देवा दोनों सुकमा जिले के पूवर्ती गांव के रहने वाले हैं। करीब दो साल पहले हिड़मा को जब सेंट्रल कमेटी में शामिल किया गया, तब उसने ही देवा को बटालियन नंबर-1 का कमांडर नियुक्त किया था। देवा के साथ कभी बड़ी संख्या में सशस्त्र नक्सली थे, लेकिन पुलिस के दबाव और लगातार हो रही मुठभेड़ों के कारण उसकी बटालियन अब लगभग टूट चुकी है।

तीन जिलों में हावी थी बटालियन नंबर-1

नक्सलियों की PLGA बटालियन नंबर-1 को सबसे घातक और अत्याधुनिक हथियारों वाली टीम माना जाता है। इसका प्रभाव मुख्य रूप से इन जिलों में था, दंतेवाड़ा, बीजापुर, सुकमा। यही बटालियन AK-47, इंसास, SLR और स्नाइपर जैसे हथियारों से लैस सैकड़ों नक्सलियों के साथ कई बड़े हमलों को अंजाम देती रही। टेकलगुडेम, बुरकापाल, मिनपा, ताड़मेटला और टहकवाड़ा जैसे कुख्यात हमलों के पीछे यही टीम जिम्मेदार रही है, जिनमें दर्जनों जवान शहीद हुए।

देवा के सरेंडर से बटालियन का ढांचा ध्वस्त होने की आशंका

सूत्रों के मुताबिक देवा ने किसी माध्यम से अपना संदेश बाहर भेजकर आत्मसमर्पण की इच्छा जताई है। यदि वह सरेंडर करता है तो, बटालियन नंबर-1 का नेतृत्व पूरी तरह खत्म हो जाएगा। बड़े ऑपरेशनल कमांडर की कमी से नक्सल संगठन की रीढ़ टूट जाएगी। दक्षिण बस्तर में नक्सलवाद को निर्णायक झटका लगेगा।

देवा की प्रोफाइल

गृह मंत्री की अपील का असर

कुछ दिन पहले छत्तीसगढ़ के गृह मंत्री विजय शर्मा पूवर्ती गांव पहुंचे थे। वहां उन्होंने देवा और हिड़मा की मां से मुलाकात कर आत्मसमर्पण करने की अपील की थी। हिड़मा ने अपील नहीं मानी और आंध्र में मुठभेड़ में मारा गया। अब देवा के सरेंडर की कोशिशें तेज हो गई हैं।

बस्तर में नक्सलवाद का आखिरी दौर

बस्तर IG सुंदरराज पी के अनुसार, पहले 7 डिवीजन (Naxal Commander Barse Dev) और 15 एरिया कमेटी सक्रिय थीं। माड़, केशकाल और दरभा डिवीजन लगभग खत्म। पश्चिम बस्तर में कुछ छिटपुट नक्सली है। अब सिर्फ 7 एरिया कमेटी में बेहद कम संख्या में नक्सली मौजूद है। दंडकारण्य में 120–150 सशस्त्र नक्सली सक्रिय है। यदि देवा जैसे शीर्ष कमांडर सरेंडर करते हैं, तो बस्तर में नक्सलवाद लगभग समाप्त होने की कगार पर पहुंच जाएगा।

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