रायपुर, 19 नवम्बर। Special Article : मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के सुशासन और किसान-कल्याण केंद्रित कार्यप्रणाली के परिणामस्वरूप प्रदेश में कृषक उन्नति योजना किसानों के लिए वास्तविक परिवर्तन का माध्यम बनती जा रही है। बेहतर समर्थन मूल्य, पारदर्शी टोकन प्रणाली और उपार्जन केंद्रों में सुधरी व्यवस्थाओं ने धान विक्रय प्रक्रिया को अधिक सरल, तेज और भरोसेमंद बनाया है। इसका लाभ सीमांत किसानों से लेकर बड़े कृषकों तक समान रूप से मिल रहा है।
महासमुंद जिले के विकासखंड के ग्राम मोंगरा निवासी किसान लक्ष्मण ध्रुव अपने 54 कट्टा धान के विक्रय हेतु ग्रामीण सेवा सहकारी समिति झालखम्हरिया उपार्जन केंद्र पहुंचे। उन्होंने बताया कि तीन दिन पूर्व टोकन कटवाने से उन्हें समय पर धान बेचने की सुविधा मिली। पारदर्शी टोकन व्यवस्था और त्वरित पंजीयन से प्रक्रिया बिल्कुल आसान और व्यवस्थित रही। उनके पास कुल एक एकड़ कृषि भूमि है।
इसी तरह मोंगरा निवासी किसान खोरबाहरा साहू ने बताया कि उन्होंने अपनी 42 डिसमिल भूमि में 8.80 क्विंटल धान का उत्पादन किया है। शासन की सुविधाओं और सतत देखभाल के चलते उन्हें बेहतर उत्पादन प्राप्त हुआ। उन्होंने कहा कि धान बेचने में उन्हें बिल्कुल भी परेशानी नहीं हुई।
मोंगरा के ही किसान छगन लाल साहू ने अपने पिताजी पुनीत राम साहू के नाम पंजीकृत 10 एकड़ भूमि में इस वर्ष 250 कट्टा धान का उत्पादन किया है। उन्होंने भी धान विक्रय प्रक्रिया को सुचारू, तेज और परेशानी-मुक्त बताया।
सरकार द्वारा प्रति एकड़ 21 क्विंटल तक धान खरीदी तथा 3100 रुपये प्रति क्विंटल के समर्थन मूल्य का निर्णय किसानों के लिए बड़ी राहत और प्रोत्साहन का कारण बन रहा है। तीनों कृषकों लक्ष्मण ध्रुव, खोरबाहरा साहू और छगन लाल साहू ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि शासन की किसान-केंद्रित नीतियों से ग्रामीण किसानों में उत्साह और भरोसा बढ़ा है।

