
Satyapal Malik Passed Away: 5 अगस्त 2025। जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक का मंगलवार को दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में निधन हो गया। वे 77 वर्ष के थे और काफी समय से किडनी संबंधी बीमारी से जूझ रहे थे। उन्होंने दोपहर 1:12 बजे अंतिम सांस ली। मलिक ने अपने कार्यकाल में देश की संवैधानिक राजनीति में कई ऐतिहासिक मोड़ देखे। हैरानी की बात यह है कि आज ही के दिन, 5 अगस्त 2019 को, जब वे जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल थे, आर्टिकल 370 हटाया गया था। उनके कार्यकाल के दौरान जम्मू-कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित किया गया और वहां राष्ट्रपति शासन लगाया गया।
Satyapal Malik Passed Away: सत्यपाल मलिक एक पुराने और अनुभवी राजनीतिज्ञ रहे हैं। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत छात्र राजनीति से की और फिर राष्ट्रीय राजनीति तक पहुंचे। वे विभिन्न राजनीतिक दलों का हिस्सा रहे लेकिन उनकी पहचान एक ईमानदार और स्पष्ट वक्ता के रूप में बनी रही।

भ्रष्टाचार के मामलों में भी रहे चर्चा में
Satyapal Malik Passed Away: मलिक के जीवन के अंतिम वर्षों में उन पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप भी लगे। CBI ने 22 मई 2025 को सत्यपाल मलिक और 4 अन्य के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी। मामला था जम्मू-कश्मीर के कीरू हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट में हुए ₹2,200 करोड़ के सिविल वर्क्स घोटाले से जुड़ा। CBI ने इसी मामले में 22 फरवरी 2024 को दिल्ली और अन्य स्थानों पर छापेमारी की थी। मलिक ने खुलासा किया था कि उन्हें जम्मू-कश्मीर में राज्यपाल रहते हुए दो फाइलों पर रिश्वत के रूप में ₹150-150 करोड़ रुपये ऑफर किए गए थे, जिन्हें उन्होंने ठुकरा दिया था। वहीं उन्होंने 2021 में एक सार्वजनिक कार्यक्रम में यह बयान देकर सबको चौंका दिया था कि
“मुझे राज्यपाल रहते हुए दो फाइलों पर ₹150-150 करोड़ की रिश्वत ऑफर की गई थी, लेकिन मैंने दोनों डील रद्द कर दीं।”

मलिक की विचारधारा और बेबाकी
Satyapal Malik Passed Away: राजनीतिक जीवन में सत्यपाल मलिक अपने बेबाक बयानों और भ्रष्टाचार विरोधी रुख के लिए जाने जाते रहे। उन्होंने कहा था,
“मैं पांच कुर्ता-पायजामे के साथ आया हूं, और बस उसी के साथ चला जाऊंगा।”
उनका यह बयान राजनीति में ईमानदारी और सादगी का प्रतीक माना जाता रहा। सत्यपाल मलिक उन चुनिंदा राज्यपालों में से थे जिन्होंने पद पर रहते हुए भी केंद्र सरकार की नीतियों पर सवाल उठाए। उन्होंने किसानों के मुद्दों पर भी खुलकर केंद्र के विरोध में बयान दिए और कृषि कानूनों की वापसी की मांग का समर्थन किया।

अंतिम विदाई और श्रद्धांजलि
Satyapal Malik Passed Away: उनके निधन पर राष्ट्र के विभिन्न कोनों से श्रद्धांजलि संदेश आ रहे हैं। कई प्रमुख नेताओं ने कहा कि सत्यपाल मलिक ने राजनीति में नैतिकता और ईमानदारी की मिसाल कायम की। सरकार की ओर से राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार की तैयारी की जा रही है। उनके परिवार द्वारा अंतिम संस्कार की तारीख जल्द ही घोषित की जाएगी। वहीं सत्यपाल मलिक के निधन पर देश के कई बड़े नेताओं ने शोक जताया है। उन्हें एक साफ़गो और ईमानदार प्रशासक के रूप में याद किया जा रहा है।

