America Attack on Iran : मिडिल ईस्ट में जंग का विस्फोट, अमेरिकी ‘बंकर बस्टर’ हमले के बाद ईरान ने इजरायल पर बरसाईं मिसाइलें, तेल-अवीव में तबाही

America Attack on Iran : मिडिल ईस्ट में जंग का विस्फोट, अमेरिकी ‘बंकर बस्टर’ हमले के बाद ईरान ने इजरायल पर बरसाईं मिसाइलें, तेल-अवीव में तबाही

America Attack on Iran

मध्य-पूर्व एक बार फिर युद्ध की आग में जलने लगा है। अमेरिका ने बीते रात ईरान के तीन प्रमुख और सबसे सुरक्षित परमाणु ठिकानों – फोर्डो, नतांज और इस्फहान – पर अब तक का सबसे शक्तिशाली हमला किया। इस हमले में पहली बार ‘बंकर बस्टर’ बमों का इस्तेमाल हुआ, जो जमीन के 90 मीटर नीचे बने बंकरों को भी चीर सकते हैं। इस ऑपरेशन को अंजाम देने के लिए अमेरिका ने अपने सबसे घातक B-2 स्पिरिट स्टील्थ बॉम्बर्स का इस्तेमाल किया, जो बेहद गुप्त और अत्याधुनिक तकनीक से लैस हैं।

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America Attack on Iran

हमले के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने खुद राष्ट्र को संबोधित कर कहा, “FORDOW IS GONE.” यानी ईरान की सबसे सुरक्षित न्यूक्लियर साइट अब इतिहास बन चुकी है। ट्रंप ने आगे कहा कि अमेरिका ने सिर्फ ताकत नहीं दिखाई, बल्कि यह चेतावनी भी दे दी कि अब वह मिडिल ईस्ट के “सबसे बड़े गुंडे” को बर्दाश्त नहीं करेगा। उन्होंने इजरायली प्रधानमंत्री नेतन्याहू को इस “साझा जीत” पर बधाई भी दी।

अमेरिका के इस हमले के तुरंत बाद ही ईरान का पलटवार शुरू हो गया। ईरान ने सीधे इजरायल को निशाना बनाया और 40 से अधिक बैलिस्टिक मिसाइलें दाग दीं। इन मिसाइलों ने तेल-अवीव और आसपास के इलाकों में भारी तबाही मचाई। कई इमारतें जमींदोज हो गईं, जगह-जगह आग की लपटें और धुएं के गुबार उठते दिखे। सड़कों पर अफरा-तफरी मच गई, सायरन की आवाजों से पूरा शहर गूंज उठा।

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इजरायली डिफेंस फोर्स ने खुद ट्वीट कर इस हमले की पुष्टि की और नागरिकों से सुरक्षित स्थानों पर रहने की अपील की। केवल आसमान से ही नहीं, समुद्र के नीचे से भी अमेरिका ने हमला बोला गया। अमेरिकी नौसेना की पनडुब्बियों ने ईरान के नतांज़ और इस्फहान साइट्स पर 30 टॉमहॉक क्रूज मिसाइलें दागीं। वहीं एक अन्य B-2 बॉम्बर ने नतांज पर दो और बंकर बस्टर बम गिराए।

ईरान की रिवोल्यूशनरी गार्ड्स ने बयान जारी कर कहा, “अब हमारे लिए यह युद्ध शुरू हो चुका है। हमें किसी सीमा का डर नहीं है। जहां दुश्मन मिले, वहीं मारो।” वहीं सर्वोच्च नेता खामेनेई के प्रतिनिधि ने कहा कि अमेरिकी नौसेना को बहरीन में निशाना बनाओ और हॉर्मुज जलडमरूमध्य को बंद कर दो।

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वहीं ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अरागची ने इस हमले को अंतरराष्ट्रीय कानूनों का खुला उल्लंघन बताते हुए कहा कि ईरान को अपने परमाणु ठिकानों की रक्षा का पूर्ण अधिकार है। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र और पूरी अंतरराष्ट्रीय बिरादरी से मांग की कि इस गैरकानूनी हमले पर अमेरिका को जवाबदेह ठहराया जाए।

इस हमले के बाद अमेरिका ने अपने देश में हाई अलर्ट घोषित कर दिया है। न्यूयॉर्क, वॉशिंगटन डीसी, सैन फ्रांसिस्को जैसे प्रमुख शहरों में सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद कर दी गई है। एयरपोर्ट, मेट्रो, सरकारी भवनों, और सैन्य ठिकानों पर सशस्त्र बलों की तैनाती बढ़ा दी गई है।

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सवाल अब यह है कि यह संघर्ष कहां जाकर रुकेगा? क्या यह ईरान, इजरायल और अमेरिका तक सीमित रहेगा या मिडिल ईस्ट के और देश इस आग में कूदेंगे? क्या यह तीसरे विश्व युद्ध की आहट है? क्योंकि जिस तरह से सैन्य ताकत और राजनीतिक बयानबाजी के स्तर पर तनाव बढ़ रहा है, यह कहना गलत नहीं होगा कि दुनिया एक खतरनाक मोड़ पर खड़ी है।

संयुक्त राष्ट्र ने आपात बैठक बुलाने की तैयारी शुरू कर दी है, जबकि रूस और चीन ने अमेरिका के कदम की आलोचना करते हुए इसे “गंभीर भड़काऊ कार्रवाई” करार दिया है। दूसरी ओर, फ्रांस, जर्मनी और ब्रिटेन जैसे NATO सहयोगियों ने अमेरिका और इजरायल का समर्थन करते हुए ईरान से संयम बरतने की अपील की है। इस समय तेल-अवीव के आसमान में धुआं है, सड़कों पर चीख-पुकार है, बंकरों में छिपे लोग कांप रहे हैं, और दुनिया सांसें थामे इस टकराव की अगली चाल देख रही है।

 

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