Baloda Bazaar Violence Case : बलौदाबाजार हिंसा मामले में कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव को सुप्रीम कोर्ट से जमानत

Baloda Bazaar Violence Case : बलौदाबाजार हिंसा मामले में कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव को सुप्रीम कोर्ट से जमानत

Baloda Bazaar Violence Case

रायपुर। छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार हिंसा मामले में भिलाई से कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई है। वह 17 अगस्त 2024 से जेल में बंद थे। जमानत के इस फैसले के बाद कांग्रेस कार्यकर्ताओं और समर्थकों में खुशी की लहर दौड़ गई।

कैसे शुरू हुआ विवाद?
  • 5 मई 2024 को बलौदाबाजार के गिरौधपुरी धाम में सतनामी समाज के धार्मिक स्थल जैतखाम में कुछ असामाजिक तत्वों ने तोड़फोड़ कर दी।
  • इस घटना के बाद सतनामी समाज के लोगों में आक्रोश फैल गया, और उन्होंने सख्त कार्रवाई की मांग करते हुए लगातार प्रदर्शन शुरू कर दिया।
  • 19 मई 2024 को पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया।
  • मामला तूल पकड़ते ही सरकार ने जांच के आदेश दिए और आरोपियों पर कार्रवाई शुरू की।

Baloda Bazaar Violence Case

10 जून को हिंसक हुआ प्रदर्शन
  • 10 जून 2024 को प्रदर्शन हिंसक हो गया।
  • कलेक्ट्रेट और एसपी कार्यालय में आगजनी की गई।
  • बाहर खड़े कई वाहन जला दिए गए।
  • एक वीडियो सामने आया, जिसमें विधायक देवेंद्र यादव भी दिखाई दिए।
देवेंद्र यादव की गिरफ्तारी
  • इस वीडियो के आधार पर पुलिस ने विधायक यादव को नोटिस भेजकर पूछताछ की।
  • 17 अगस्त 2024 को उन्हें दंगा भड़काने और हिंसा फैलाने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया।
  • पुलिस ने 449 पेज की चार्जशीट तैयार कर कोर्ट में पेश की।
  • छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने उनकी जमानत याचिका कई बार खारिज कर दी।

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अब सुप्रीम कोर्ट से मिली राहत
  • लगभग 6 महीने जेल में रहने के बाद, सुप्रीम कोर्ट ने 20 फरवरी 2025 को उन्हें जमानत दे दी।
  • इस फैसले के बाद कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने जश्न मनाया और इसे सत्यमेव जयते की जीत बताया।

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