Chhattisgarh News :
Chhattisgarh News : बालोद : समाज को आगे बढ़ाने के लिए शिक्षा का बड़ा महत्व है….लेकिन जब शिक्षा का मंदिर ही जान का खतरा बन जाये तो शिक्षा पाने के लिए बच्चे कहां जायें….
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Chhattisgarh News : जी हां बालोद जिले के शिकारीटोला गांव के शासकीय स्कूल की कुछ इसी तरह कहानी है….जहां बच्चे जर्जर भवन में डर के साये में पढ़ाई कर रहे हैं।
.दरारों से दूसरी ओर झांकती दिवार और खपरैल वाली छत से पड़ती सूर्य की रौशनी यह कोई खंडहर नहीं बल्कि शिकारीटोला गांव में नौनिहालों के भविष्य गढ़ने का ठिकाना है…..
बालोद जिला मुख्यालय से लगभग 35 किलोमीटर दूर बसे भुरकाभाट के आश्रित ग्राम शिकारीटोला में साल 1963 में ग्रामीणों के सहयोग से स्कूल भवन बनाया गया….
उस दौर में बैलगाड़ी के जरिये पत्थरों और मिट्टी को लाया गया और फिर प्राथमिक स्कूल बनकर तैयार हुआ….तब से स्कूल भवन का अब तक न तो जीर्णोद्धार हुआ और न ही नये सिरे से निर्माण हो पाया… स्कूल भवन को बने 61 साल हो जाने के कारण भवन काफी जर्जर हो चुका है….
जिसके चलते अब शिक्षक बच्चों को कक्षा के भीतर पढ़ाने के बजाय बरामदे या फिर स्कूल के मैदान में पेंड़ की छांव में बैठकर भविष्य गढ़ रहे हैं।
वर्ष 2016 से ग्रामीण स्कूल की मरम्मत या फिर नये भवन निर्माण की मांग करते आ रहे हैं….कभी स्थानीय विधायक के दरवाजा खटखटाकर स्कूूल भवन की स्थिति को बताते हुए गुहार लगाते हैं….
कई बार प्रशासनिक अमले को भी हालातों के बारे में अवगत करा चुके हैं…..हर कोई सुनता जरूर है लेकिन मांग आज तक पूरी नहीं हुई…..
मतदान के समय स्कूल भवन निर्माण की स्वीकृति के दावे प्रशासन की ओर से किये जाते हैं लेकिन अब तक न स्वीकृति हुई और न ही निर्माण हुआ।
स्कूल भवन जर्जर होने के कारण कुछ दिनों तक एक ग्रामीण के घर में स्कूल संचालित हुआ….लेकिन वहां से भी खाली करवा दिया गया….
बारिश के दिनों में छत से पानी टपकने के चलते बच्चों को पढ़ाई करने में और भी ज्यादा परेशानियां होती है…..वहीं कई ग्रामीण तो स्कूल की स्थिति को देखते हुए बच्चों को स्कूल भेजना भी बंद कर चुके हैं….
फिर भी स्कूल भवन में पांचवी तक की कक्षा में 30 बच्चे पढ़ाई करने के लिए आते हैं।
शिकारीटोला के नौनिहालों के भविष्य गढ़ने का गांव में एक ही ठिकाना है….भले ही भवन की हालत जर्जर हो लेकिन पढ़ाई का महत्व ग्रामीण जानते हैं इसलिए अपने बच्चों को स्कूल भेज रहे हैं….
इधर ग्रामीण जी जान लगाकर स्कूल भवन मरम्मत और निर्माण के लिए कोशिश कर रहे हैं…. अब देखना होगा कि आश्वासन कब वास्तविकता में तब्दील होता है और स्कूल भवन का निर्माण पूरा होता है।

