छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिला ले आइस ये रिपोर्ट न सेर्फ चौंकाये वाला हे, बल्कि राज्य के सरकारी शिक्षा व्यवस्था के असल तस्वीर घलो आगु रखथे.
उहाँ कतकोन सरकारी प्राइमरी स्कूल म पढ़ाये वाला शिक्षक अउ हेडमास्टर तक 11 अउ 12 के स्पेलिंग नी बता पाइस
“Eleven” अउ “Twelve” के जगह ओमन अटक-अटक कर गलत जवाब दिस.
लेकिन यहीं नी रुकिस मामला जब लइका मन ले पूछे गीस कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री कोन हे? त ज्यादातर लइका मन खामोश रह गीस.
अउ जब शिक्षक मन ले पूछे गीस कि आखिर लइका मन ल ये सामान्य जानकारी काबर नी दे जाथे?, त ओमन के जवाब रीहिस –”GK के किताब ले पढ़ा देबो…”
यानी सामान्य ज्ञान घलो पाठ्यपुस्तक ले पढ़ाये जाही, रोज़मर्रा के गोठबात अउ देश-दुनिया के समझ के कोनो महत्व नी.
कतकोन स्कूल म शिक्षक ल खुद मूल अंग्रेजी शब्द नी आथे. लइका मन ल स्थानीय प्रशासन, मुख्यमंत्री, राज्य, देश के नाम तक नी पता. कुछु स्कूल म तो शिक्षक खुद पढ़ाई ले ज्यादा सरकारी काम म व्यस्त हे.
शिक्षा विशेषज्ञ मन के कहिना हे कि ये स्थिति केवल बलरामपुर के नी हे, बल्कि ये छत्तीसगढ़ के कतकोन आदिवासी अउ दूरस्थ जिला के साझा सच्चाई हे.