बिलासपुर, 2 अगस्त 2025 —
बिलासपुर म एक बार फेर नक्शा स्वीकृति अउ ले–आउट पासिंग सिस्टम म सवाल खड़े हो गे हे. हाल ही म उजागर होइस नक्शा–लेआउट घोटाला म आगु आइस हे कि शहर म कतकोन अवैध निर्माण कार्य फर्जी आर्किटेक्ट के मिलीभगत, TCP (Town and Country Planning) विभाग अउ नगर निगम के कुछु अधिकारी के सहभागिता ले स्वीकृत करे गे हे.
घोटाला के खुलासा तब होइस जब एक जनहित याचिका म फर्जी नक्शा के संख्या अउ निर्माण परमिट ल लेके दस्तावेज कोर्ट म प्रस्तुत करे गीस.
का हे घोटाला के पूरा मामला?
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बिलासपुर शहर म पाछु दु वर्षों म लगभग 80 ले अधिक अइसन निर्माण कार्य पाये गे हे जेकर नक्शा या ले–आउट TCP या निगम के कोति नियम के खिलाफ पास करे गीस.
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कतकोन मामला म फर्जी आर्किटेक्ट ह नकली रजिस्ट्रेशन नंबर के संग नक्शा प्रस्तुत करिस अउ अधिकारी ह बिना वेरिफिकेशन के मंजूरी दे दिस.
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एक ही व्यक्ति के कोति कतकोन नाम ले नक्शा तैयार कर पास कराये गीस, जेन दर्शात हे कि क्लियरेंस सिस्टम म भारी लापरवाही या मिलीभगत हे.
TCP अउ निगम अफसर के भूमिका म सवाल
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सवाल ये उठत हे कि अगर फर्जी आर्किटेक्ट ह नक्शा तैयार करिस, त TCP अउ निगम अधिकारी मन ह ओला पास कइसे करिस?
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रिकॉर्ड के अनुसार, निगम इंजीनियर अउ प्लान पासिंग सेल के कोति बिना साइट निरीक्षण के नक्शा क्लियर करे गीस.
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कतकोन मामला म नियमित निरीक्षण के प्रक्रिया ल नजरअंदाज करे गीस.
फर्जी आर्किटेक्ट ल ब्लैकलिस्ट करे गीस
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जब मामला मीडिया अउ कोर्ट म पहुंचिस, तब जाके एक फर्जी आर्किटेक्ट ल ब्लैकलिस्ट करे गीस.
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लेकिन गंभीर सवाल ये हे कि सेर्फ आर्किटेक्ट उपर कार्रवाई काबर?
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TCP अउ निगम के जिम्मेदार अधिकारी उपर अब तक कोनो स्पष्ट कार्रवाई नी होइस हे.
RTI अउ शिकायत के खुलासा
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एक स्थानीय RTI एक्टिविस्ट ह बताइस कि ओमन 2024 ले 2025 के बीच पास करे गे सब्बो ले–आउट के जानकारी मांगे रीहिस. जेमा 25% निर्माण बिना वैध नक्शा पास हो पाइस.
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शिकायत के बावजूद प्रशासनिक स्तर म कोनो ठोस कार्रवाई नी करे गीस.